पहाड़ी भाषा
‘भारत का भाषा सर्वेक्षण’ के लेखक ग्रियर्सन ने
भारतीय आर्य भाषाओँ को तीन उपशाखाओं में विभाजित किया –
बहिरंग, अन्तरंग और मध्यवर्ती. इन तीनों उपशाखाओं में
६ भाषा समुदायों तथा १७ भाषाओँ की गणना की गयी है.
इस वर्गीकरण में कुमाउनी/गढ़वाली को अर्थात मध्य पहाड़ी को
मध्यवर्ती उपशाखा के पहाड़ी भाषा समुदाय में स्थान दिया गया है.
पहाड़ी भाषा समुदाय हिमाचल प्रदेश के भद्रवाह के उत्तर-पश्चिम
से लेकर नेपाल के पूर्वी भाग तक विस्तृत है.
इसके तीन प्रमुख रूप हैं – पूर्वी, पश्चिमी व मध्य.
पूर्वी पहाड़ी नेपाल में बोली जाती है.
पश्चिमी पहाड़ी हिमाचल प्रदेश में प्रयुक्त होती है
और मध्य पहाड़ी उत्तराखंड में व्यवहृत होती है.
मध्य पहाड़ी के अंतर्गत गढ़वाल में गढ़वाली
तथा कुमाऊँ में कुमाउनी का प्रचलन है.