6- रौचौबैंसी –
नैनीताल जनपद की दो पटि्टयों रौ और चौबैंसी के नामों को मिलाकर
इस बोली का नामकरण किया गया है। रौ और चौबैंसी के अतिरिक्त
रामगढ. तथा छखाता के पर्वतीय भाग – नैनीताल , भीमताल , सातताल ,
नौकुचियाताल ,मलुवाताल आदि – इस बोली के प्रमुख केन्द्र हैं।
उच्चारण सम्बन्धी विशेषताएॅं –
ध्वनि –
ए – य : जेठ – ज्यठ
ह – स : हुणि – सुणि
प्रवृत्ति –
महाप्राणत्व : लिन – ल्हिन
अघोषीकरण : सबन – सपन
व्याकरण सम्बन्धी विशेषताएॅं –
परसर्ग –
कर्म/सम्प्रदान : कन , हुणि , सुणि
करण/अपादान : थै , है
क्रिया –
वर्तमान : चाहता हूँं – चॉंछ
भूत : थे – छि