दोहावली :: इश्क ::

ishqदोहावली :: इश्क ::

ब्यूटी खन इनकम समझ
पार्लर इनकम टैक्स
का्ल तन मन धन खन नाहन
तबै त क्वै काॅम्प्लेक्स

उन एस्सै छन उनूंकी
आदत मैं यू टर्न
मुखा साम्न तारीफ और
पच्छा चुगली कर्न

लोग बतूनान इश्क मैं
हुंछ ध्वा्ख दिन्य रिवाज
तुम ये स्यापा पुछ्ड़ मैं
खुट्ट न रा्ख मेहराज .. अधिक के लिए ‘DEVDAAR.COM’

Advertisement

शिक्षा :

shikshaविद्वानौ खन लांग्छ कि
उनूं नाहन पुर ज्ञान
अज्ञानी सोचनान कि
उन सब तिर जान्नान

एक भा्ण मैं पा्नि भर्न जस
नै हुन शिक्षण काज
दीपै ज्योति जलून जसि
पुज हुंछि यो मेहराज !

यदि जीवन मैं गल्ति क्वे
नै करि राखि एक बार
मतलब सिखनै कि तुमू ले
कोसिस नै करि यार

मानवता :

manavta

नै करि सक्न हमूं अलग
वर्ण धर्म और जात
पढ़ि लेखि बेर स्पष्ट भै
मानवता वा्लि बात

नई सदी वा्ल हम युवा
स्नेहिल दीप जलून
भेद बढ़ून्य अंध्यार खन
मिलिबेर दूर भजून

काईं लै के लै कर्न खन
रूनान जो तैयार
एक है अस्सल द्वी हुनान
द्वी है अस्सल चार

समय :

samay

ये जीवन मैं हर समय
बस एत्ती रौ याद
समय हुंछ बहुत कीमती
समय न कर बरबाद

समय मैं लगै कीमती
उई पल असरदार
जब कि औंछ मस्तिष्क मैं
अस्सल कोई विचार

फिर कभ्भैं नै आ गुरू
समय जो निकलि जाल
जो पानि बगि गौ गाड़ मैं
बापिस कस्यैं आल

नसीहत :

nasihat

जि लै नसीहत मिलन्नै
झन भुल्या मेहराज
उस्वै काट्ला बाद मैं
जस तुम ब्वैला आज

वी बा्ट मैं कभ्भैं न हिट
जै मैं छन अपराध
पैंस लगै इज्जत लगै
सब्बै तिर बरबाद

द्वी नंबर वा्ल काम मैं
छन पचास बब्बाल
हान्ला ढुंग कच्यार मैं
छिट्ट मुखै मैं आल

जीवन :

jiwan

सांच्ची श्रद्धा नाव और
बिस्वासै पतवार
लिबेर कतिप है ग्यान ये
भवसागर है पार

जीवन मैं सर्वत्र हुंछ
ग्रह नक्षत्रौ योग
तन व्यक्ति, मन कामना
धन संसारौ भोग

भगवानैल सब तिर दिरा
समय बुद्धि हा्त खुट्ट
भलिक्यां इस्तेमाल कर
आफी लाग्ल फिर लुट्ट

पाठ :

 

 

paathजंगल और बगैंच छन
परमेस्वरा समान
लिन के लै नै जिलै हुंछ
औरौ मैं बाणनान

सब्बौ दिंछ फल फूल और
कटि बेर लै दिंछ काठ
दान कि हुंछ और त्याग कि
रूख है सिख यो पाठ

एक फल मैं कति बीज छन
क्वे गनि संक्छ जरूर
छन कति फल एक बीज मैं
को कै संक्छ हुजूर