Category: कुंडलिया
गड़बड़ :
सी आइ डी में घुस गई काॅमेडी की बास
ब्यूरो के स्टाफ का हर बंदा शाबास
हर बंदा शाबास भले ही कुछ न हुआ हो
लेकिन परेशान यूं मानो सांप छुआ हो
रोचक है ए सी पी का गुत्थी सुलझाना
‘कुछ तो गड़बड़ है’ कहना और हाथ हिलाना
जॉगिंग :
एक जगह आकर हुआ सभ्य समाज समान
मिलकर जॉगिंग कर रहे बूढ़े और जवान
बूढ़े और जवान दौड़ते सुबह सवेरे
गार्डेन हो या पार्क लगाते मिलकर फेरे
इसी बहाने नए दोस्त भी मिल जाते हैं
दोस्त दिखाई दें तो चेहरे खिल जाते हैं
योग :
इतने मोटे हो गए खा पी कर के लोग
भोग बन गया रोग और नियम बन गया योग
नियम बन गया योग दौड़ते सागर तट पर
झुकना नहीं चाहते डाक्टर की चौखट पर
जिन लोगों के ऊंचे ऊंचे महल रहे हैं
कच्छा पहने खुली सड़क में टहल रहे हैं
पूजा :
सुबह शाम पूजा करें या न करें जजमान
खुली हवा में टहलना रहे हमेशा ध्यान
रहे हमेशा ध्यान टहलना खुली हवा में
इतना लाभ नहीं है दारू और दवा में
पूजा तो आगे पीछे भी हो सकती है
जब तन में शक्ती है तब ही तो भक्ती है
बेताब :
मोबाइल के जोक्स का कोई नहीं जवाब
हर बंदा दिल खोलके हॅंसने को बेताब
हॅंसने को बेताब क्योंकि टेंशन ज्यादा है
हर कोई सब कुछ पाने को आमादा है
जीवन के प्रति जिसकी तेज निगाह रही है
वह पब्लिक अब खुलके हॅंसना चाह रही है
दादी की दूकान :
पूरे करने के लिए अपने कुछ अरमान
दादी जी ने खोल ली सब्जी की दूकान
सब्जी की दूकान चंद फल फूल रख लिए
गाहक को देने से पहले स्वयं चख लिए
यह देखा तो सटक गया गाहक का भेजा
दादी बोली ‘मत दे दाम, मुफ्त में ले जा’
दादी :
यूं तो दादी हर तरह लगती है गुणवान
लेकिन दारू के लिए बेवजह परेशान
बेवजह परेशान नहीं, ये लगता है अब
बिट्टू के दादा की याद सताती है जब
बन जाती है वजह माल की बरबादी की
कहो कि कैसे छूटे अब दारू दादी की
गोल्डेन :
काॅमेडी नाइट्स विद कपिल देखिए आप
वहां सुनाई पड़ेगी दादी की पदचाप
दादी की पदचाप नशे में बहकी बहकी
पीछे पीछे बुआ कुआंरी महकी महकी
गोल्डेन भाई ने भरसक उम्मीद जगा दी
लेकिन हो न सकी उस ब्यूटीफुल की शादी
टेलेण्ट :
बिट्टू के परिवार में भरा पड़ा टेलेण्ट
बीवी दादी या बुआ हो चाहे सर्वेण्ट
हो चाहे सर्वेण्ट या कि बकरी फोकट की
इन्हें छोड़कर अगर कहीं पर गाड़ी अटकी
बिट्टू खुद बनता अपना भाई या दादा
पड़दादी की उमर तलक जादा से जादा