लोकसाहित्य: अन्य विषयक लोकोक्तियां:

anyलोकसाहित्य: अन्य विषयक लोकोक्तियां:

अन्य विषयक लोकोक्तियों के कई प्रकार हैं; जैसे –
भाग्य संबंधी:

तू जालै वां
भाग जालो कां
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क्वे कूं के खूं
क्वे कूं के में खूं

कर्म संबंधी:

जैलि करि सकि, वीकि खेति
जैलि पढ़ि सकि, वीकि पोथि

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आपुणि आपुणि कै गे
चार दिन रै, ल्है गे

स्थान संबंधी:

द्याप्त देखण जागसर
गंगा नाणी बागसर

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पार गाड़ा रौत
खाण बखत खुष हुणि
दिण बखत मौत

राज संबंधी:

बांजा घट की भाग उघौनी
बांजी गौ को दूद छीनी
उल्टी नाली भरी दीनी
सुल्टी बतै बेर लीनी

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गोरु मरौ त मर
बाछ मरौ त मर
सेर भरि दूद
दि जाइ कर

कृषि संबंधी:

खेती मल लिबेर
राजा बल लिबेर

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मडुवा राज
जब द्यख ताज

वर्षा संबंधी:

बरखा लिबेर घस्यार
आग लिबेर रस्यार

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द्यो पड़ल कै सबनैले जाणि
बज्जर पड़ल कै कैले नि जाणि

ऋतु संबंधी:

चैमास को जर
राजा को कर

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दस दसैं बीस बग्वाल
कुमूं बिसंग फुलि भंग्वाल

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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