गीत: लैला:
मुख है त के लै नै
कूनै रे लाटा !
बाट हिटना हिटना यो
ऐ गै लुघाट
कै गौं मैं कै मौ मैं रूंछै
मजनु जस पच्छा पच्छा
किलै उंछै ?
बोट हिसालू भौत रिसालू
नजिक जाला काण बुड़ाला
काण बुड़ाला नक को मान्छ
दूद दिनी गोरु लात लै हान्छ
यो ई छ रीत
योई छ बियोहार
एस्सी कैं चलनौ
यो सारो संसार
तू कै दुणी मैं रूंछै
मजनु जस पच्छा पच्छा
किलै उंछै ?