सिनेमा: साहस प्रधान:

saahasसिनेमा: साहस प्रधान:

जहां तक हिंदी में बनी साहस प्रधान फिल्मों की बात है 1933 में हातिम ताई , शाही लुटेरा, 1935 में मिस्र का खजाना, जिंगारू, सपेरा, 1936 में जंगल क्वीन, हूर ए समंदर, मिस फ्रण्टियर मेल, 1937 में सिंहलद्वीप की सुंदरी, तूफानी टार्जन, तूफानी खजाना, 1938 में टार्जन की बेटी, मिस्टर एक्स, 1939 में जंगल किंग, जिंबो का बेटा, काल कुण्डला, 1940 में हातिम ताई की बेटी आदि बहुत पसंद की गईं।

1941 में जंगल की लड़की, तारपीडो, 1942 में जंगल प्रिंसेज, 1945 में सन आॅफ हातिम ताई, 1946 में नेडी राॅबिनहुड, जंगल की पुकार, भेदी खजाना, कंगारू, सिंदबाद द सेलर, 1947 में हातिम ताई, समुंदर की मलिका, 1948 में जंगल गाॅडेस और 1950 में जंगल मैन आदि फिल्मों का निर्माण हुआ।

1951 में खजाना, सिम्बा, 1952 में जिम्बो, जंगल जवाहर, वनराज, 1953 में गोरिल्ला, 1954 में अफ्रीका, 1955 में आदमखोर, खौफनाक जंगल, सखी हातिम, शिकार, 1956 में जंगल क्वीन, समुद्री डाकू, 1957 में जहाजी लुटेरा, समुंदर, मिस्टर एक्स, 1958 में जंगल प्रिंसेज, शान ए हातिम, जिम्बो, 1959 में जिम्बो की बेटी, जंगल किंग तथा 1960 में डाॅक्टर शैतान, सुपरमैन, रिटर्न आॅफ सुपरमैन, जिम्बो शहर में आदि फिल्में बनीं।

1961 में एलीफेण्ट क्वीन, 1962 में काला समंदर, तूफानी टार्जन, किंगकांग, 1963 में रुस्तम सोहराब, जंगल ब्वाय, फौलाद, राकेट टार्जन, शिकारी, जिंगारू, टार्जन और जादूगर, 1964 में टार्जन और जलपरी, टार्जन एण्ड डिलाइला, मारबल मैन, आंधी और तूफान, सैमसन, रुस्तम ए रोम, जग्गा, दारा सिंह, आया तूफान, हरक्युलिस, मिस्टर एक्स इन बाॅम्बे, 1965 में सन आॅफ हातिम ताई, टार्जन एण्ड सर्कस, एडवेंचर्स आॅफ राॅबिनहुड, खूनी खजाना, सात समंदर पार, टार्जन एण्ड किंगकांग, बाॅक्सर, खाकान, राका, शेरदिल, संग्राम, टार्जन कम्स टू डेल्ही नामक फिल्मों ने पर्याप्त लोकप्रियता प्राप्त की।

1966 में इंसाफ, जवां मर्द, खून का खून, नौजवान, रुस्तम ए हिंद, दादा, ठाकुर जरनैल सिंह, रुस्तम कौन, टार्जन की मेहबूबा, जिम्बो का बेटा, 1969 में टार्जन इन फेयरी लैण्ड, आदि फिल्में बनीं तो 1972 में पहली डरावनी फिल्म – दो गज जमीन के नीचे, 1973 में विक्टोरिया नंबर 203, डाॅ0 एक्स, जुगनू, 1978 में इंस्पेक्टर ईगल, 1980 में द ग्रेट गेंबलर, द बर्निंग ट्रेन, सुरक्षा, 1990 में शिवा, 1991 में दरार, 1993 में बाजीगर, 1994 में इंटरनेशनल खिलाड़ी, 1997 में हिम्मत आदि फिल्मों का बोलबाला रहा।

नई सदी में 2001 में लगान व दिल चाहता है, 2002 में कंपनी, 2003 में गंगाजल व हंगामा, 2994 में स्वदेस व खाकी, 2005 में मंगल पाण्ड व ब्लैक, 2006 में रंग दे बसंती, 2007 में शूटआफउट एट लोखण्डवाला व चक दे इ्रडिया, 2008 में आमिर व अ वेड्नस डे, 2009 में थ्री ईडियट्स, 2010 में पीपली व राजनीति, 2011 में गैंग्स आॅफ वासेपुर, 2012 में पान सिंह तोमर,जैसी फिल्मों का सिलसिला लगातार जारी है। क्रमशः

Advertisement

Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s