सिनेमा: पैंसठ के बाद का प्रेम:

paisath ke baadसिनेमा: पैंसठ के बाद का प्रेम:

प्रेम प्रधान फिल्मों के अंतर्गत 1965 में यादें के अलावा गजल, रात और दिन, भीगी रात, गाइड, मेरे सनम, जब जब फूल खिले, नीला आकाश; 1966 में प्यार किए जा, दिल दिया दर्द लिया, एराउण्ड द वल्र्ड, तीसरी कसम, 1967 में पवि़त्र पापी, पड़ोसन, दीवाना, चिराग, सुहाना सफर, एन इवनिंग इन पेरिस, मिलन, ब्रह्मचारी; 1968 में मेरे हुजूर, झुक गया आसमां, हसीना मान जाएगी, शागिर्द, तुमसे अच्छा कौन है; 1969 में सपनों का सौदागर, आराधना, मन का मीत, अनमोल मोती, सावन भादौं; 1970 में शर्मीली, सच्चा झूठा, पहचान, शराफत, हमजोली, तलाश, मेरा नाम जोकर आदि फिल्में बनीं।

1971 में हम तुम और वो, आप आए बहार आई, मर्यादा, आन मिलो सजना, कटी पतंग, महमूब की मेंहदी; 1972 में रामपुर का लक्ष्मण, अमर प्रेम, बनफूल, तांगे वाला; 1973 में एक नजर, दाग, लोफर, चोर मचाए शोर, बाॅबी, सौदागर, दो फूल, नैना; 1974 में प्रेमनगर, प्रेमपर्वत, यादों की बारात, अमीर गरीब, प्रेमशास्त्र; 1975 में जूली, रफूचक्कर, रजनीगंधा, मिली; 1976 में कभी कभी, चितचोर, महबूबा, दो अनजाने; 1977 में चला मुरारी हीरो बनने, अमर अकबर एण्थोनी; 1978 में कस्में वादे, देवता, देस परदेस, सत्यं शिवम्, सुंदरम्; 1979 में बातों बातों में और नूरी तथा 1980 में कर्ज व आशा वगैरह फिल्मों ने बहुत लोकप्रियता हासिल की।

1981 में नसीब, याराना, 1982 में ये नजदीकियां, मासूम, दीदार ए यार, 1983 में अगर तुम न होते, शराबी, बेताब, एक दूजे के लिए, 1985 में राम तेरी गंगा मैली, हीरो, 1986 में हीरो हीरा लाल, अर्जुन पण्डित, मैं और तुम, दूध का कर्ज, 1987 में मि. इण्डिया, 1988 में सोहनी महिवाल, कयामत से कयामत तक, 1989 में मैंने प्यार किया, चांदनी, शोला और शबनम, इश्क इश्क इश्क एवम् 1990 में आशिकी व दामिनी आदि फिल्मों का काफी बोलबाला रहा।

1991 में फूल और कांटे, सड़क, साजन, 1992 में खुदा गवाह, माशूक, सनम बेवफा, 1993 में अनाड़ी, फिर तेरी कहानी याद आई, डर, चमेली की शादी, दिल आशना है, 1994 में हम आपके हैं कौन, हेलो ब्रदर, मेंहदी, हद कर दी आपने, कभी हां कभी ना, बादल, 1995 में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, आओ प्यार करें, अंदाज अपना अपना, राजा भइया, 1996 में राजा की आएगी बारात, अग्निसाक्षी, कुली नं. वन, हीरो नं. वन, 1997 में जीत, दरार, राजा हिंदुस्तानी, 1998 में करीब, डुप्लीकेट, कुछ कुछ होता है, दिल तो पागल है, 1999 में ताल, कहो ना प्यार है, राम जाने, हम दिल दे चुके सनम तथा 2000 में अफसाना प्यार का, मोहब्बतें, गज गामिनी, जानम समझा करो नामक फिल्में रिलीज हुईं। क्रमशः

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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