गजल: नै हुन:
लड़ै कसि लगै हो गर वां
धर्म अर ईमान नै हुन
जित्न वाला लै हार्न वाला है
कम नुकसान नै हुन
हर एक लड़ाई जित्नि
जरूरी नै हुनि कभ्भैं लै
हर एक हार है शिक्षा लिन
मैं लै अपमान नै हुन
परनिंदा या परउपदेस
जमानै आदत छू
आप्नि बुराई सुनिबेर क्वे
चुप रौ आसान नै हुन
मूर्ख हुनान जो बात बात मैं
लड़ै झग्ड़ करनान
समझदार जो आप्नी चुगली
सुनिबेर हैरान नै हुन