गजल : मत करना :
धड़कनें बेकरार मत करना
मेरी यादों से प्यार मत करना
दिल अगर जिद करे तो रो-रो कर
आँख नम बार बार मत करना
ज़िन्दगी की सियाह रातों में
ख़्वाब का एतबार मत करना
वो जो उल्फत में जान देते हैं
मुझको उनमें शुमार मत करना
मुझको मजबूरियों ने लूट लिया
अब मेरा इन्तज़ार मत करना
हरेक चीज़ की हद होती है
कभी उस हद को पार मत करना