गीत: मौसम:
हर इक चैनल की मौसम पे पैनी नजर
आज सबसे बड़ी बन गई ये खबर
बर्फ गिरने लगी है हिमाचल में
घुस गई मैं संवरिया के कंबल में
ठण्ड ढूंढे मुझे राजधानी में
हवा झांके है जमना के पानी में
प्यार कौंधा खयालों के बादल में
घुस गई मैं संवरिया के कंबल में
ये कहावत न अब तक पुरानी हुई
जाड़ा चाहे रुई या फुई या दुई
प्यार बरसा मोहब्बत के जंगल में
घुस गई मैं संवरिया के कंबल में
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(रुई – रजाई, फुई – आग, दुई – जोड़ा)