विशेष: विज्ञान और धर्म:

vigyan & dharmविशेष: विज्ञान और धर्म:

विज्ञान और धर्म जिज्ञासा रूपी पेड़ की ऐसी दो शाखाएं हैं, जिनमें सत्य का फल लगता है। विज्ञान की अत्यधिक उन्नति ने मानव जीवन को सुख सुविधाओं से भर दिया है। इन सुविधाओं ने मानव को परितुष्ट करने की बजाय असंतोषी बना दिया है। यह असंतोष उसं अधर्म की ओर उन्मुख करने लगा है, अतः परिस्थिति के संतुलन के लिए आज धर्म की आवश्यकता भी महसूस होने लगी है।

शायद इसी आवश्यकता की ओर इशारा करते हुए विश्व के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा था कि ‘ धर्म के बिना विज्ञान लंगड़ा है और विज्ञान के बिना धर्म अंधा है।’ इसी बात को सर फ्रांसिस बेकन ने इन प्रकार कहा है कि ‘मानवीय ज्ञान की अपरिपक्वावस्था में धर्म और विज्ञान के बीच 36 के 3 व 6 का संबंध दिखाई देता है, परंतु वास्तव में दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।’

हिंदी के प्रसिद्ध छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य कामायनी की कथा उस मानव की कथा है, जो बुद्धि के समीप पहुंच कर अंततः संतप्त होता है और श्रद्धा के पास आकर अखण्ड आनंद का अनुभव प्राप्त करता है। बुद्धि के प्रयत्नों से प्राप्त होने वाले सांसारिक सुख हृदय के प्रयासों से अनुभव होने वाले आनंद से बढ़कर नहीं होते।

जीवन में उनकी आवश्यकता है, लेकिन केवल उन्हीं की आवश्यकता नहीं है। उनके अतिरिक्त भी जीवन का कोई उद्देश्य होता है। इसलिए विज्ञान और धर्म दोनों ही मानव के लिए आवश्यक हैं, पर विज्ञान तभी तक उपयोगी है; जब तक वह विनाश की ओर उन्मुख नहीं होता। इसी प्रकार धर्म भी तभी तक लाभप्रद है जब तक कि वह पाखण्डों या आडंबरों से दूूूूूूूूूूूूर रहता है।

इसमंे कोई संदेह नहीं कि मानव ने विज्ञान के बूते पर निरंतर प्रगति की है ओर वह भौतिक दृष्टि से पर्याप्त संपन्न हो चुका है, लेकिन उसका यह विकास एकांगी ही माना जाता है। विज्ञान ने मानव को जो शक्तियां प्रदान की हैं, उन्हें विध्वंसात्मक प्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। यदि समय रहते इस सोच को नहीं बदला गया, तो विज्ञान मानव जाति के लिए एक अभिशाप बनकर रह जाएगा। क्रमशः

Advertisement

Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s