लोकगाथा: धार्मिक:
लोक प्रचलित विश्वासों से अभिप्रेरित ‘जागर’ कुमाऊं
में धार्मिक लोकगाथा के नाम से जाने जाते हैं। तंत्र
मंत्र एवं देवावतरण से संबंधित इन गाथाओं के गायक
जगरिया कहलाते हैं।
जगरिया अभीष्ट की प्राप्ति के लिए अपने गायन से
किसी देवी या देवता को जगा ने का विधिवत् प्रयास
करते हैं। नृत्य इन गाथाओं का अविच्छिन्न अंग है।
नाचने वाला व्यक्ति ‘डंगरिया’ कहलंतं है। वह स्त्री
या पुरुष कोई भीहो सकता है। थाली, डमरू, ढोल,
नगाड़ा वाद्यों के बीच देवता को उद्बुद्ध करने पर
एक विशिष्ट वातावरण उत्पन्न होता है।
जिसका प्रभाव पड़ने के कारण ‘डंगरिया’ उठ कर
नाचने लगता है। वह हुंकार करके जोर जोर से घूमने
लगता है। इसे देवता विशेष का ‘अवतरण’ कहते हैं।
तब वहां एकत्र लोग इष्ट आगमन से प्रसन्न होकर उसे
आस्था के साथ नमन करके उससे प्रश्न पूछने लगते हैं।
उत्तर पाते हैं। समस्याएं बताते हैं। समाधान पाते हैं।