विशेष: विज्ञान और मानव जीवन:
आज का युग विज्ञान का युग कहलाता है। वैज्ञानिक उपलब्धियों का आधार पाकर आज विश्व की संपूर्ण मानवता अपने आप को अधिक समर्थ अनुभव कर रही है। वैज्ञानिक आविष्कारों की सहायता से मानव ने थल और जल के अतिरिक्त नभ में भी यात्रा के सुगम साधन तैयार कर लिए हैं और धीरे धीरे प्रकृति के समस्त उपादानों पर अपना आधिपत्य जमाने की फिराक में है।
आज व्यक्ति के नित्यप्रति जीवन में विज्ञान के आविष्कारों का प्रयोग बढ़ने से गांवों, कस्बों, शहरों या महानगरों की सभ्यताओं के बीच की दूरी समाप्त होती चली जा रही है। किसी जमाने में पैदल या बैलगाड़ी द्वारा यात्रा करने वाला आदमी आज रेल, बस या निजी वाहन द्वारा आसानी से अपनी मंजिल तक पहुच जाता है। अपने देश के अलावा विश्व के किसी भी देश की यात्रा जल या नभ मार्गों द्वारा आज सर्वसुलभ है। इसके अतिरिक्त मानव अपने पृथ्वीलोक को छोड़कर अंतरिक्ष के उन लोकों पर भी कदम रखने लगा है, जिनके बारे में अभी तक मनोरम कल्पनाएं ही संभव थीे।
विद्युत और उसकी उर्जा से गति प्राप्त करने वाले तमाम उपकरण हमारी जीवनचर्या के आवश्यक अंग बन चुके हैं। अगर हम अपने घरेलू जीवन को ही देखें तो यह पाएंगे कि खाना पकाने के चूल्हे, खाना बनाने के उपकरण, खाना गर्म करने या रखने के साधन, कपड़े धोने की मशीन, इस्तरी करने के साधनों जैसी अनेक चीजें विज्ञान के चमत्कारों की भांति ही तत्काल सुविधाएं प्रदान करती हैं। मोबाइल, टीवी, फ्रीज, कूलर, एसी, लैपटाॅप आदि घर घर में पाए जाते हैं। स्कूटी, बाइक या कार का प्रयोग प्रतिपल बढ़ता जा रहा है।
चिकित्सा के क्षेत्र में अब अंग प्रत्यारोपण आराम से हो जाता है। हृदयोपचार हेतु भी पर्याप्त साधन जुटा लिए गए हैं। प्लास्टिक सर्जरी कुरूपों को रूपवान बना रही है। निःसंतानों के लिए आश्चर्यजनक पद्धतियां सामने आ चुकीं हैं। कृषि के क्षेत्र में भी तरह तरह के ट्रैक्टरों, हलों या बोने फटकने की मशीनों ने हरित क्रान्ति उत्पन्न कर दी है। कारखानों में विज्ञान ने कम्प्यूटरों व रोबोटों की सहायता से न केवल उत्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता बढ़ाई है, बल्कि आदमी से होने वाली गलतियों पर भी रोक लगाई है। मुद्रण की दुनिया में भी नए यंत्रों के सहारे सारे समाचार अब क्षण भर में प्रचारित प्रसारित हो सकते हैं। क्रमशः