लोकगाथा: लक्ष्य – बेध 12
हिंदी रूपांतर
(तू) गौरवास्पद वंश का होगा,
तो शरीर में स्फुरित होगा।
देवता! (तू) गौरवास्पद वंश का होगा
तो अवतरण होगा।
देवता! तेरे लिए (ही)
मैंने मुरली बजाई (है)।
मुरली के शब्दों के साथ,
उध्र्वलोक में आ जा।
देवता (तू) ऊध्र्वलोक में आ जाएगा
(तो तेरी) भक्ति करेंगे।
पाँच पाण्डवों के भारत सुनायेंगे।
(तुम) हरिद्वार में, भागीरथी में नहा कर आना।
आते-आते देवता ने अवतार ले लिया।
देवता ने अवतार लिया, नरक से
(उसका) उद्धार हो गया।