लोकगाथा: लक्ष्य – बेध 11
हिंदी रूपांतर
तुम्हारी मृत्यु जिस दिन (भी) जहाँ कहीं भी हुई-
(तुमने) मुँह-आगे, पीठ-पीछे कुछ भी नहीं देखा।
(तुम्हारा जीवन अन्धकारमय हो गया था)।
मृत्यु के दिन तुम्हें पानी नहीं मिला?
तुमने मृत्यु के दिन पानी नहीं पाया,
तो पानी पिलायेंगे।
मृत्यु के दिन तुमने वस्त्र नहीं पाये?
तुमने वस्त्र नहीं पाये,
तो वस्त्र दिलायेंगे।
नदी में बहकर मरे हो तो,
(तुम्हारा) फन्दा कटवायेंगे।
काँठे से गिरकर मरे हो तो,
पखाण कटवायेंगे।
तुम्हारा बड़ा कुल है, बड़ा वंश है।
अपने वंश का नाम मत डुबाना । क्रमशः