लोकगाथा: लक्ष्य – बेध 10
हिंदी रूपांतर
अपने हृदय में सत्य-स्मरण किया।
हृदय में गुरु का ध्यान किया।
वायु का पुत्र था (अर्जुन) ब्रह्मा का नाती।
कुन्ती का पुत्र था (अर्जुन)
कोख का पूत।
तैल की कड़ाह में (उसने)
मछली की आँख भर देखी।
सुनहरी मछली पर सरसंधान किया।
योद्धा ने धर्मचक्र घुमा दिया।
(तू) ब्राह्मण घराने का ब्राह्मण-कुमार है।
(तू) ठाकुर घराने का महाराजा है।
(तू) क्षत्रिय घर का बड़ा वीर है।
(तू) किस उद्देश्य से मरा,
किस व्यथा से मरा?
अपना व्यथा-लक्ष्य मुझसे क्यों नहीं कहता?
क्रमशः ए