गीत: जीवन जल:
हिम पर्वत गलिबेर बगनौ छ
काईं नदियौं मैं काईं नहरौं मैं
बड़ि दूऱ है ऐबेर भरनौ भाण
यां गाऔं मैं वां सहरौं मैं
खेतों मैं फसल उगाइ जान्नै
डैमौं मैं बिजलि बनाइ जान्नै
खान पिन औ नैन ध्वेन चलनौ
नल मैं धारौं मैं लहरौं मैं
बड़ि दूऱ है ऐबेर भरनौ भाण
यां गाऔं मैं वां सहरौं मैं
चौमास मैं यो आफत है जां
संक्रांत मैं यो तीरथ है जां
यो ई गंगा यो ई जमना
ये ले इ छ रौनक चेहरौं मैं
बड़ि दूऱ है ऐबेर भरनौ भाण
यां गाऔं मैं वां सहरौं मैं
कुदरतै दियै सौगात तरल
जां चैंछि वांईं मिलनै बोतल
घर मैं लै आर ओ या फिल्टर
फंसि गै ब्यौपारी घेरौं मैं
तुम बस मैं जा या ट्रेन मैं जा
यां गाऔं मैं वां सहरौं मैं