विशेष: अन्योन्याश्रित:

anyonyashritविशेष: अन्योन्याश्रित:

हिंदी साहित्य के आधुनिक काल में छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद आदि भी सामाजिक परिस्थितियों की ही देन हैं। ये सभी बातें यही सिद्ध करती हैं कि किसी भी काल की सामाजिक परिस्थितियां एवं सृजनात्मक मनःस्थितियां अपने समय के सभी साहित्यकारों को पूर्णतः प्रभावित करती हैं। यह प्रभाव उनके साहित्य में यत्र तत्र प्रतिबिंबित होता है।

साहित्य का समाज पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है, यह समझने के लिए आदिकवि वाल्मीकि की रामायण का उदाहरण पर्याप्त है। रामायण में रामकथा के माध्यम से एक आदर्श राज्य का स्वरूप प्रस्तुत करने के साथ साथ समाज को आगे बढ़ने के लिए भी राह सुझाई गई है।

यह राह इतनी अच्छी थी कि शताब्दियों बाद एक बार फिर गोस्वामी तुलसीदास को अपने समाज की परिस्थितियों के अनुसार ‘रामचरित मानस’ में उसकी श्रेष्ठता की याद दिलानी पड़ी। आज भी रामराज्य की कल्पना और रामकथा की विविध रूपों में आवृत्ति उसी प्रभाव के परिणामस्वरूप की जाती है। जीवन की विभिन्न परिस्थितियों या विषमताओं में ‘रामचरित मानस’ की पंक्तियां आज भी विचलित होते हुए हृदयों का अवलंब बनकर उन्हें जो दिशा दिखाती हैं, वे सहज स्वीकार्य होती हैं।

हिंदी साहित्य में ‘रामचरित मानस’ तुलसीदास का कथानक, चरित्रचित्रण, संवाद, प्रकृति वर्णन, भाषा, उद्देश्य आदि की दृष्टि से एक अद्वितीय ग्रंथ है। इसमें तुलसीदास के भक्तरूप और कविरूप का चरमोत्कर्ष परिलक्षित होता है। उनका नायक राम मानव के पूर्ण विकास एवं मानवता की असीम संभावनाओं का प्रतीक लगता है। राम के चरित्र के माध्यम से उन्होंने स्वानुभूत परमसत्य को संप्रेषित करने का प्रयास किया है। उनकी काव्य कृतियों का मुख्य उद्देश्य उस अप्रत्यक्ष को प्रत्यक्ष कराना है, जिसे लोग अगोचर या निराकार कहते हैं।

तुलसीदास की काव्यकला में रूप, वस्तु और भाव का सम्यक् समन्वय हुआ है। हिंदी साहित्य में अब तक ‘रामचरित मानस’ के समान महाकाव्य, विदय पत्रिका के समान गीतिकाव्य और कवितावली तथा गीतावली के समान मुक्तक काव्य उपलब्ध नहीं होते। कथावस्तु एवं चरित्र चित्रण के साथ अक्षर, अलंकार, रीति, गुण, वक्रोक्ति, औचित्य, ध्वनि, भाव, छंद, भाषा आदि काव्यकला के विविध उपादानों का जैसा सटीक संश्लेषण ‘रामचरित मानस’ में मिलता है, वैसा अन्यत्र कहीं नहीं मिलता। क्रमशः

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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