लोकगाथा: लक्ष्य – बेध 5
हिंदी रूपांतर
श्री कृष्णदेव ने गरुड़ बुलाया।
गरुड़ पक्षी! तुम पाण्डवों की खोज लाओ!
गरुड़ पक्षी पाँचाल देश की ओर चल पड़ा।
पक्षी, घुमने लगा हे हरी! चारों दिशाओं में घूमने लगा।
घूमता-फिरता पक्षी दक्षिण दिशा पहुँचा।
दक्षिण दिशा में बहती (थी) नर्मदा नदी।
नर्मदा के किनारे, उसने कुटिया देखी।
कुटिया के ऊपर घूमा गरुड़ पक्षी।
राजा युधिष्ठिर समाचार पूछने लगे।
राजा युधिष्ठिर से पक्षी ने कहा-
श्री कृष्णदेव ऐसा कहते थे कि-
तुम पाण्डव पाँचाल चले आना।
कन्या द्रोपदी के (स्वयंवर हेतु)
लक्ष्य-बेध निश्चित हुआ है।
राजा युधिष्ठिर बोलने लगे-
हम लोग दक्षिण दिशा में हैं। क्रमशः