गजल: अस्सल:
हर हाल मैं सच बोल्नै कि
आदत बड़ी अस्सल
हर काल मैं एक इष्टे की
चाहत बड़ी अस्सल
एक बात बतूं जैले यो
संसार बनै रा
उ ई त कंर्छ हम्रि
हिफाजत बड़ी अस्सल
तुम सो्च न वीक विषय मैं
नाहन जो तुमूं थैं
उ द्यख जो वीले कर्रै
इनायत बड़ी अस्सल
अस्सल नै लाग्नि तेरी
रिसायै कि खमोशी
तै है त तेरी बोल्न्य
सिकायत बड़ी अस्सल