
कव्वाली: रीत यां की – नायक:
तेरो मुख देखिबेर,
दी सकौं लेखिबेर
त्वील लै प्यार करि होल,
कांईं आंख चार करि होल
ध्वक दिगौ टोड़िबेर दिल
और की कूं मि बाकी
छ योई रीत यां की
छ योई रीत यां की
उड़ंछि जब एक कली
मैं है फूल जसि खुसबू
त वीक आस पास
भौंर देखौनान जादू
उनूंक मनमनाट
उनूंक गनमनाट
कभैं तल्ली बटै उड़िबेर
कभैं मल्ली बटै उड़िबेर
कोई त झूमनौ नस मैं
कै इ को दिल नाहन बस मैं
पैंली त उन जानान मिल
बाद मैं हुंछि मुस्किल
खेल्न्य खिलौना जस
इस्तेमाल हुनान दिल
त्यर दगड़ लै उई भौ
तू अनोखी दै कांकी
छ योई रीत यां की
छ योई रीत यां की