लोकभाषा: वस्त्राभूषणादि:

लोकभाषा: वस्त्राभूषणादि:

  1. वस्त्र विषयकः
    आंग्ड़ि – पूरी बाँह की कुर्ती
    खल्ति – जेब
    घाघ्रि – घाघरा
    झग्लि – लम्बा फ्रोक
    पिछौड़ – दुपट्टा
    काम्ल – कम्बल
    खातड़ – बिछौना गुदड़ – फटापुराना बिस्तर
    टाँक – पगड़ी
    थुल्मा – रोऐंदार कम्बल
    पंखी – पतली ऊनी चादर
    बौंल – आस्तीन
    दन – ऊनी कालीन
  2. आभूषण विषयकः
    कमरज्योड़ि – करध्नी
    कांघि – कंघी
    चर्यो – मंगलसूत्रा
    झाँवर – झाँझर
    तिलड़ी – तीन लड़ों वाला हार
    धग्ल – चाँदी के कड़े पौंची – पहुँची
    फुल्लि – नाक की लौंग
    बुलबुलि – केशविन्यास
    मुनड़ि – अँगूठी
    स्यूनि – माँग
  3. भोजन विषयकः
    खा्नो् – खाना
    खुर्सानि – मिर्च
    गडे्रि – बण्डा
    गदुअ – कद्दू
    गास – ग्रास
    चुड़का्नि – काले भट्ट की दाल
    चूक – खटाई
    जौल – भट्ट पीसकर बनाया खाद्य पदार्थ
    झो्लि – कढ़ी तैड़ – कन्द विशेष
    तोर्याँ – तुरई
    दै – दही
    नौनि – मक्खन
    पल्यो – कढ़ी
    पिनालु – घुइआ
    मौ – शहद
    लगड़ – मीठी पूरी
    सिंगल – पिसे चावल की मोटी जलेबी

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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