कव्वाली: रात जुन्याली:

चीड़ द्यारौ का टुक्कान मैं
कसि चमकि रै यो रात जुन्याली
गड़ भिड़ा और सेरान मैं
झम झमकि रै यो रात जुन्याली
रात जुन्याली हाइ रात जुन्याली
रात जुन्याली म्यर मनै कि देवाली
बरनरायन चांद बनि रौ
तारा बनि र्यान आज बर्याती
हाव नाचनै छ छलिया जसि
कसि ठुमकि रै यो रात जुन्याली
रात जुन्याली हाइ रात जुन्याली
रात जुन्याली म्यर मनै कि देवाली
फूल मुख ध्वेन्यान ओसै ले
पात खेलन्यान खुस्बू दगड़
बोट हंस्न्यान दिल खोलिबेर
कसि छमकि रै यो रात जुन्याली
रात जुन्याली हाइ रात जुन्याली
रात जुन्याली म्यर मनै कि देवाली