
लोकगीत : देवता सम्बन्धी :
देवियों के अतिरिक्त शिवशंकर भगवान
अलग-अलग नामों से पूजे जाते हैं।
बौरारौ की घाटी में धान रोपते समय पिनाकेश्वर की आराधना
करते हुए
कृपालु होने के लिए कहा जाता है, ताकि उस समय पानी न बरसे। पंच
देवों
की पूजा करते हुए निवेदन किया जाता
है कि वे दाहिने बने रहें। स्थानीय
देवताओं में ग्वाल्ल,
लाकड़,
हरू,
सैम जैसे अन्यान्य देवताओं की भी
इसी
प्रकार स्तुति की जाती है।
वो जाना जाना ग्यान भगवान तिरलोकी का नाथ ह ह देबो
वो जाना जाना ग्यान आब वो धनि महराज
सिबो देबतन में देबत छन गौरिल महादेब ह ह देबो
वो तीरथन में तीरथ देबो गंगा लै भगीरथ
ओ हे भग्तान में भगत छन वे भग्त ला सुदामा ह ह देबो
सिबो भग्तन बिच छ वे देबतों हनींमान छ बड़ ह ह देबो
वो देबतान भगवानों आब की बाता बोलि र् याना
वो देबतों कैं दिण भयो आब कथैं दाना माना
वो सबनां को बाटा बतौला धन धनी भगवाना ह ह देबो
ये तब आई ग्यान देबतों आब वो धनि जगदीस