
भाषा: अन्य:
इसके अतिरिक्त देशी शब्दों के अन्तर्गत अन्य दो प्रकार
के शब्दों को रखा जा सकता हैः
- अज्ञात व्युत्पत्तिकः वे शब्द जो अज्ञात स्रोतों के
माध्यम सेे कुमैयाँ के शब्द समूह में समाहित हो गए हैं, उन्हें
अज्ञात व्युत्पत्तिक देशी शब्द कह सकते हैं – जैसेः
क्वीड़ – बातें , ग्या्ँज – बुद्धिहीन , चपक – थप्पड़ ,
चिप्ड़ – चिकना , टा्ड़ – दूर , टो्ट – छिद्र , ठे्कि –
काष्ठोपकरण , नक – बुरा , नड़क – डाँट , ना्लि –
माप-मात्रा , फाँच्चि – गठरी , फाल – कूद: ऊपर से नीचे
राफ – तेज आँच , सार – अभ्यास , सीप – ढंग आदि।
- ध्वनिव्युत्पत्तिकः वे शब्द जो ध्वनियों के अनुकरण पर बनकर
कुमैयाँ के शब्द भण्डार में प्रतिष्ठित हुए हैं, उन्हें ध्वनिव्युत्पत्तिक देशी
शब्द कह सकते हैं – जैसेः
कचकचाट – बकवास , खुसक्क – चुपचाप , गनमनाट –
गुनगुनाहट , घनमनाट – घंटाध्वनि ,घुर्राट – मोटर की आवाज
च्यार्र – कपड़ा फटने की आवाज , चुचाट – कलरव , छप्प –
पानी में गिरना , टिटाट – चिल्लाहट , ठक्क – ठोकने की ध्वनि
थ्याच्च – कुचलने की आवाज , नौराट – कराह , प्वा्त्त – गीली
वस्तु का गिरना द्व पुट्ट – जुआँ मारने की आवाज , भड़भड़ –
गिरना/हिलना , सुसाट- जल-प्रवाह की आवाज , हड़बड़ाहट –
हड़बड़ी आदि।