लोकगाथा: गौरा महेष्वर 5
मैंसर तुंगनाथ होलो गँवार दीदी मैंसर तुंगनाथ होलो।
भूमि भूमेसर सर्ग महेसर पाताल कालि नाग।
मैंसर काँ छाड़ि ऐछै गँवार दीदी मैंसर काँ छाड़ि ऐछै?
मैंसर भूमेसर सर्ग महेसर पाताल कालि नाग।
मैंसर काँ छाड़ि ऐछै गँवार दीदी मैंसर काँ छाड़ि ऐछै?
मैंसर कैलास होलो गँवार दीदी मैंसर कैलास होलो।
बाटा में की नीमुवाँ डाली म्यर मैत जान्या वाटो काँ हो?
दैनुँ बाटो जालो देव केदार बोंबाटो त्यर मैत जाखो।
धौला रंग फुलिए डाली राता रंगन पाके।
तेरा फल नीमुवाँ डाली मनुसिया रे खाला।
बाटा में की नारिङ डाली म्यर मैत जान्या बाटो काँ हो?
बों बाटो जालो बदरिनाथ दैंनु बाटो त्यर मैत जालो।
धौला फूल न फूलिए डाली राता रंगत पाके।
तेरा फल घिंगारु डाली पंछी लोग रे खाला।
धार में की किरमोड़ि डाली म्यर मैत जान्या बाटो काँ हो?
बों बाटो जालो देव कैलास दैंनु बाटो त्यर मैत जालो।
क्रमशः