गीत: बात सुणौ:
सुणौ सुणौ मेरि बात गुणौ एक बात सुणौ
हमर देस मैं अर हम्मैं बदलाव उणौ
म्यर बुबु माल बटी पहाड़ पैदल औंछी
मेरि आम चौबिस घण्ट काम करणी रौंछी
म्यर बाब लै घर बै बजार पैदल औंणी
मेरि इज लै के नै के बुति करणी रौणी
म्यर घर त्यर घर सब्बै घर एकनस्से भै
यो झन समुझिया आपण घरै की बात कुणौ
म्यर पुत के लै नि हुन तड़ि नहां हात खुट मैं
भौत फरक हूं मडुवा र्वाट अर बिसकुट मैं
कां उ छांस घ्यू कां यो डालडा मिलावटी
आजैकि दुनिया है गे बिलकुल दिखावटी
नान परिवार वालाक काम चलणै रौ बल
जैको ठुल परिवार खोरि पकड़ि बेर रुणौ