लोकगीत: पुरुष संवाद:
इनमें पिता-पुत्र, भाई-भाई, सखा-मित्र आदि के संवाद
होते हैं, जिनमें कभी षिक्षा प्रदान की जाती है या किसी
सामाजिक समस्या पर विचार किया जाता है। पिता-पुत्र
की बातचीत वाला एक गीत इस प्रकार है –
पुत्र : मांगि दियौ हो बौज्यू म्यारा सुनपाता सौकै की चेली
खोलुं बगस पितलै बेली खोलुं बगस पितलै बेली
पिता: कति देखी च्याला हो त्वीले सुनपाता सौकै की चेली
पुत्र : माला देसा गंगोली देखी सुनपाता सौकै की चेली
उति ऐरे बाकर्यों ग्वाई सुनपाता सौकै की चेली
उति ऐरे ढिपर्यों ग्वाई सुनपाता सौकै की चेली
पिता: कति देखी हो च्याला म्यारा सुनपाता सौकै की चेली
माला देसा जोहारा देखी सुनपाता सौकै की चेली
उति ऐरे भैंसों की ग्वाई सुनपाता सौकै की चेली