गजल: हुई है :
किन बेहतरीन खूबियों से प्रीत हुई है
हर वक्त एक याद मेरी मीत हुई है
इक बात जो आँखों ने कही आँख ने सुनी
वो बात मेरी साँस का संगीत हुई है
खुद ही सवाल करके जुटाते हैं खुद जवाब
ख़ामोश हैं लब फिर भी बातचीत हुई है
जिससे किया है प्यार छिपाते हैं उसी से
मालूम नहीं हार है या जीत हुई है