गजल : क्या सुनाएं :
दूर तक कोई नहीं किसको बुलाएं
घूम फिर के लौट आती हैं सदाएं
कट गए जंगल षहर की आरजू में
अपनी बरबादी का किस्सा क्या सुनाएं
किस तरह बर्दाष्त हो इतना तकल्लुफ
मौत से पहले परोसी हैं दवाएं
चल रहे हैं हम जरा सा मुस्करा दो
रास्ते में काम आती हैं दुआएं