गीत: चुन्नी:
लहरांछि जब बयाव मैं चुन्नी तेरि प्यांली
कति भलि लागैं उकाव मैं चुन्नी तेरि प्यांली
पैंली बखत देखौ त्वकैं चैता क म्याव मैं
मंदिर जाणी खड़ंजा क मल्ली उकाव मैं
कस चुड़फुड़ाट भौछ त्यरा हाव भाव मैं
जब फंस्छि रुखा डाव मैं चुन्नी तेरि प्यांली
एक फूल लिबेर दिल चलौं माया कि हाव मैं
वीकैं लगूण चां त्यरा घुंघर्याला बाव मैं
तेरि रीस क्वे लै देखि सकौं दूदा उमाव मैं
जब बंद्छि मली ख्वाव मैं चुन्नी तेरि प्यांली