हरैगै :

 

haraigeयुगल गीत: हरैगै:

किलै त्यर अॅंखा मैं है चाहत हरैगै
तु बंबइ के गै छै हकीगत हरैगै

किलै तेरि हंसनै कि आदत हरैगै
मि बंबइ के गयूं सराफत हरैगै

बस म भै रंछी तू घुमण मैं फिराण मैं
कभैं जीप मैं लै काईं औण जाण मैं
बजारा क बाट मैं मॅंदिरा क डान मैं
अघिल रौंछी तू ई लमालम हिटाण मैं

तु रेलम के भै छै नजाकत हरैगै
तु बंबइ के गै छै हकीगत हरैगै

दगड़िया देखण हूं अपणिया भेटण हूं
कै ई थैं बोलण हूं कै ई कैं सुनण हूं
कांई कै कि पुज मैं कांई कै क ब्या मैं
कसिक दिन बितीं लंच डीनर च्या मैं

एतुक दिन मैं तेरी महोबत हरैगै
मि बंबइ के गयूं सराफत हरैगै

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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