लोकभाषा: शब्दावली:
मुण्डा लोगों के गाँव का प्रमुखनृत्य और पूजास्थान ऊँचे पेड़ों से
घिरा होता है और अकरा कहलाता है। इस शब्द का नेपाली अर्थ
दुर्गम, ऊँचा स्थल है। कुमाउनी-गढ़वाली में अकरा का अर्थ ऊँचे
दाम का या मँहगा होता है। यह अकरो शब्द सभी योरोपीय भाषाओं
में ऊँचाई का द्योतक बन गया। अकरोपोलिस का अर्थ ऊँचाई पर
स्थित किला । एथेन्स। या दुर्ग पर स्थित राजधानी है।
खस प्रभाव से कुमाउनी में अनेक प्रकार के शब्द आए हैं। भारतीय
आर्यभाषाओं में इनका प्रयोग प्रायः नहीं मिलता। मूल निवासियों दस्यु,
किरात, किन्नर जातियों की शब्दावली से ये भिन्न हैं, अतः देशज
शब्दों की विशिष्ट कोटि में इन्हें रखा जा सकता है। इस कोटि के कुछ
शब्द हैंः बबा/पिता, ज्वे/पत्नी, बल्द/बैल, कणिक/कण, धार/चोटी,
गाड /छोटी नदी, बाट् /रास्ता, ढंुग /पत्थर, गुल्य /मीठा, स्ये्तो् /
सफेद, नसिणा /जाना।
दारमा भोटियों की बोलचाल में प्रयुक्त शब्दावली में कृषि, पशु-पक्षी,
वस्त्राभूषण, धतु- औजार सम्बन्धी शब्द कुमाउनी से पर्याप्त भिन्न हैं,
जैसेः गेहँू/रजै, गगरी/फंगुली, घोड़ा /रंग, कुत्ता/नरबी, आँख/म्पै,
नाखून/लकसिन, दास/दौड़ा, एक/तिग, दो/वस्य, तीन /सुम। इसी
कारण कुछ अध्येता दारमा खण्ड की भाषा को कुमाऊँ से पृथक रखने
के पक्ष में हैं।