गजल: कोई :
कोई हमें बताए जाएँ कहाँ दिवाने
अपना ही दिल कभी जब अपना कहा न माने
इस जि़्न्दगी को लेकर पहुँचा कहाँ नहीं मैं
सबने अलग बताए इस जि़्ान्दगी के माने
यह हुस्न नहीं बदला और इश्क नहीं बदला
आए गए न जाने कितने नए जमाने
यह वक्त नहीं मेरा यह वक्त है कामों का
वो काम जो होने हैं नाचीज के बहाने