लोकगाथा: गंगू रमोला: 13
हिन्दी रूपान्तर:
आज से बारह साल तक ब्रह्मचारी रहोगे।
प्रभु की कृपा से क्या अमृत सिंच गया?
घर बार छोड़ गंगू ने (रमोली में) मंदिर का निर्माण किया।
(भगवान ने) गंगू की जायदाद वापस दी।
बूढ़े गंगू ने रमोली में मंदिर सजाया।
छोटी (रानी) बिजुला को गर्भ रह गया।
दो मुट्ठी कौंणी के चावल, गर्भ रह गया।
छः महिने हो गये, रानी को दस महिने हो गये।
जेठी रानी प्रातराष देने को आई।
(गर्भ का) भरा पूरा महिना, रानी सोच में पड़ गई।
पुरुष के नाम पर, छाया में भी नहीं बैठी
इतना भयंकर कलंक (मुझे) कैसे लग गया?
बूढ़े गंगू के निकट, बिजुला नहीं आ सकी।
(गंगू को) बिजुला न देखे चार महिने हो गये।
सौत का सौतिया द्वेष जग गया।
इजुला बोली, ”स्वामी, तुम तो (हो) ब्रह्मचारी
तुम्हारी लाड़िली को महिने लगे हैं।“ क्रमशः