रुबाई: इंतजार :
खुषी की चाह में हर गम भूले
किसी का इंतजार करते हैं
नहीं जलते दिए उम्मीदों के
गर्दिषों की हवा से डरते हैं
अपनी किस्मत में उजाले न सही
पर अंधेरे तो साथ देते हैं
जब खुषी साथ छोड़ जाती है
गम तभी हाथ थाम लेते हैं
ए मेरे हमसफर अभी न रुको
गर रुके तो मिलेगी रुसवाई
रुक रहे तो मुझे मत रोको
मेरी मंजिल अभी नहीं आई