गजल: क्या हो रहा है:
बताओ यार ये क्या हो रहा है
सर ए बाजार ये क्या हो रहा है
जिसे देखो वो जंगल काटने को
खड़ा तैयार ये क्या हो रहा है
असर रखती थी पहले जो नसीहत
हुई बेकार ये क्या हो रहा है
जरा सी जिंदगी जीने की खीतिर
मरे सौ बार ये क्या हो रहा है
गजल: क्या हो रहा है:
बताओ यार ये क्या हो रहा है
सर ए बाजार ये क्या हो रहा है
जिसे देखो वो जंगल काटने को
खड़ा तैयार ये क्या हो रहा है
असर रखती थी पहले जो नसीहत
हुई बेकार ये क्या हो रहा है
जरा सी जिंदगी जीने की खीतिर
मरे सौ बार ये क्या हो रहा है
पृथ्वी का विनाश हो रहा है। विकास के नाम पर।
Roopkumar2012
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सही कहा आपने
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