लोकगाथा: गंगू रमोला: 6
हिन्दी रूपान्तर:
दोनों का आपस में मन मुटाव हो गया।
दोनों बहिनें षिवजी के कैलास को चली गईं।
भोले (बाबा) महादेव से पूछने लगीं-
हम दोनों बहिनों में कौन बड़ी है (कौन छोटी)?
कलियुग में सन्ध्या बड़ी है।
सन्ध्याकाल का भारत (स्तुति) सन्ध्या देवी को मिल गया।
(और) भोले षिवजी ने सेविका (दासी) को पुकारा-
देवताओं की पुजारिन सौंरा! तुम जाओ (गंगा स्नान को)
तब गई सौंरा भागीरथी के तट।
सौंरा ने हर-हर स्नान किया।
नहा धोकर उसने कपड़े निचोड़े।
बारीक कपड़े हाथों से छमछमाए।
मोटे कपड़ें मुगरे से पीटे।
बारीक कपड़े हवा में सुखाए।
सोने का गड़ुवा (कलष), बाँबी की मिट्टी
गाय का गोबर लेकर, गई अतल भंडार में । क्रमशः