उपवाक्य :

 

upvakyaभाषा : उपवाक्य :

संरचना के स्तर पर एक उद्देश्य तथा एक विधेय वाले सरल वाक्य
तथा उपवाक्य में कोई अन्तर नहीं होता, परन्तु जब किसी बड़े वाक्य
में एकाधिक सरल वाक्यों का प्रयोग होता है, तब उन्हें सरल वाक्य न
कहकर सम्पूर्ण वाक्य के उपवाक्य माना जाता है।

जैसेः पूनम गै और सबनम ऐ।

इस सम्पूर्ण वाक्य में दो सरल वाक्य और से जुड़े हैं। ये दोनों वाक्य
सम्पूर्ण वाक्य के उपवाक्य हैं। उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैंः

1. प्रधान उपवाक्यः सम्पूर्ण वाक्य के अन्य उपवाक्यों से सम्बन्धित
होते हुए भी अपनी स्वतंत्रता का परिचय देने वाला उपवाक्य प्रधान
उपवाक्य कहलाता है।

जैसेः यो उई आद्मि छ, जै ब्या्लि इनाम मिल्छ।

2. समानाधिकरण उपवाक्यः सम्पूर्ण वाक्य के प्रधान उपवाक्य से
सम्बन्ध्ति होते हुए भी अपनी स्वतंत्रता का परिचय देने वाला उपवाक्य
समानाधिकरण उपवाक्य कहलता है,

जैसेः उ पैंली बटे खूब पँड़्छ, तब्भैं हर साल फस्ट ऊँछ।

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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