लोकगाथा: गंगू रमोला: 1
हिन्दी रूपान्तर:
धरती माता तुम्हारा ध्यान जगे।
ऊँचे आकाष तुम्हारा ध्यान जगे।
दिन के सूर्य, रात्रि के चन्द्रमा तुम्हारा ध्यान जगे।
छायादार नागलोक तुम्हारा ध्यान जगे।
बूढ़े बासुकी, माँ नागिन! तुम्हारा ध्यान जगे।
कालीनाग, पिंगलनाग, हुँकारनाग, फुँकारनाग;
षिषुनाग, विषनाग, तुम्हारा ध्यान जगे।
षिखर के मूल नारायण, सनिगाड़ के नौ लिंग जगे।
भनार के ब्रजनारायण जगे।
गुरु गोरखनाथ जगे, ओंकारनाथ जगे।
त्रिलोकीनाथ जगे, केदारनाथ जगे।
बद्रीनाथ जगे, चूली के चंचलनाग जगे।
मलिकार्जुन मलयनाथ तुम्हारा ध्यान जगे।
गुरु खण्डैनाथ, गुरु कमलनाथ जगे।
सिंला के सिद्ध गुरु जगे, सिलगढ़ी (डोटी) के सिंहनाथ जगे।
असुर मोस्ट्या, तुम्हारा ध्यान जगे।
बलिराज घानदेवता तुम्हारा ध्यान जगे।
खोली के गणेष, तुम्हारा ध्यान जगे।