लोकगीत : शाश्वत प्रश्न :
काहे को ब्याहे बिदेस रे सुन बाबुल मेरे
ताक भरी मैंने गुडि़या जो छोड़ी
छोड़ो तिहारो देस रे सुन बाबुल मेरे
बचपन की सब सखियां जो छोड़ीं
आज गई परदेस रे सुन बाबुल मेरे
आंगन और फुलवारी जो छोड़ी
कैसे कहूं ये कलेस रे सुन बाबुल मेरे
भाई बहिन घर के सब छूटे
छूटो तिहारो देस रे सुन बाबुल मेरे