गीत: बतकौ:
रमैना महाभारत जसो मेरो मन लांगछ
हो तेरा क्वीड़ा मैं हो तेरा बतकौ मैं
जहाज क पंछि जसो मेरो मन वाईं रिंगछ
हो तेरा क्वीड़ा मैं हो तेरा बतकौ मैं
अच्छत क जस तेरा दांत चमकनीं सुआ
पिठ्यां जस होठों मैं
भउंरा अन्वार तेरा आंख फरकनी सुआ
कमल सी मुखड़ी मैं
छलोड़ी क ढोल जसो खूब मेरो मन बांजछ
हो तेरा क्वीड़ा मैं हो तेरा बतकौ मैं
पानी क छिटा का जस खुटा थिरकनी सुआ
पिड़ौ जस पातौ मैं
सेकिण्डै कि सुई जसा हिरदै धड़कनी सुआ
तेरि मिठि बातौं मैं
मंदिरै कि बाती जसो सदा मेरो मन जांगछ
हो तेरा क्वीड़ा मैं हो तेरा बतकौ मैं