गजल: क्या बात
पेड़ कुदरत की बड़ी सौगात है
मुफ्त है कितनी खुषी की बात है
पेड़ से कागज बना कर लिख दिया
पेड़ मत काटो मजे की बात है
घुस गए जंगल के अंदर चार ट्रक
ये करीबन दस बजे की बात है
लोग डरते हैं अतः खामोष हैं
ये षकुनि के भानजे की बात है
तंत्र को नुकसान की चिंता नहीं
बेहिसाब मुआबजे की बात है