लोकगीत : ब्याह :
बेटी अंदर आओ रूकमन
कान्ह खड़े हैं मुरारियां
कैसे आऊँ मेरे कान्हा रसिया
बाबा ने मंडप छाइयां
मामा हमारी ने दान दीन्हो
ले हो कृष्ण मुरारियां
कुंवारी कन्या को ब्याह दीन्हो
ले हो कृष्ण मुरारियां
गगरी परात को दान दीन्हो
ले हो कृष्ण मुरारियां