सिनेमा : आने वाला कल :
एक बात और, बच्चों के कल्याण पर ध्यान देने का अर्थ वस्तुतः समाज के
कल्याण पर ध्यान देना ही है। समाज, अध्यापक एवं अभिभावकों का ही यह
पहला दायित्व बनता है कि बच्चों को जीवन की सही दिशा दिखाने के सार्थक
प्रयास हों।
रोना कभी नहीं रोना
चाहे टूट जाए कोई खिलौना
कुल मिलाकर बाल्यकालीन परिस्थितियों एवं मनस्थितियों को लेकर बनने वाली
फिल्मों में ईमानदारी के साथ बच्चों के चारित्रिक विकास की आदर्श दिशा का
संकेत भी आवश्यक है। अन्य फिल्मों में भी उनसे संबंधित ऐसा स्वस्थ एवम्
सुरुचिपूर्ण मनोरंजन प्रस्तुत किया जाना चाहिए, जिससे उनके चिंतन को समुचित
दिशा प्राप्त हो सके और वे अपनी समस्याओं को दृढ़ता पूर्वक चुनौतियों के रूप में
स्वीकार करते हुए आने वाले कल में देश के सच्चे कर्णधार बन सकें –
आने वाले कल की तुम तस्वीर हो
नाज करेगी दुनिया तुम पर,
दुनिया की तकदीर हो