गीत : मुजरा
म्यर रूपै कि चर्चा हुणै गोठ मैं चाख मैं पाण मैं
म्यर रंगै कि बर्खा हुणै बाट मैं पाख मैं डाण मैं
मि देखि ल्यूं जै तरफ वी तर्फ
सीतल पाणि मैं आग लागि जां
मि हिट द्यूं जै तरफ वी तर्फ
जंगल मैं लै म्यल लागि जां
रोड मैं भीड़ जै लागि जैं म्यर काईं औण मैं जाण मैं
म्यर रंगै कि बर्खा हुणै बाट मैं पाख मैं डाण मैं
मेरी आंगड़ी क बटनौं मैं
लटकनीं दिल हजारौं क
मेरी घाघरी क बुट देखि बे
भटकनीं बुड़ बजारौं क
सेठ सौकार घायल हुणी म्यर आंखा क इक बाण मैं
म्यर रंगै कि बर्खा हुणै बाट मैं पाख मैं डाण मैं