कृदन्त :

kridantभाषा : कृदन्त :

धातुओं के अन्त में संयुक्त होने वाले प्रत्ययों को कृत और कृतों से युक्त धातुओं
को कृदन्त कहते हैं। कुमैयाँ में निम्नलिखित कृदन्त उपलब्ध होते हैंः

1. कृर्तृवाचक कृदन्त : कृर्तृवाचक कृदन्त की रचना के लिए धातु में न्य जोड़ा
जाता है – जैसे : खान्य, पिन्य, ऊन्य, जान्य।

2. पूर्वकालिक कृदन्त : पूर्वकालिक कृदन्त की रचना के लिए धातु में बेर जोड़ा
जाता है – जैसेः लिबेर, पिबेर, खाबेर, जाबेर।

3. तात्कालिक कृदन्त : तात्कालिक कृदन्त की रचना के लिए धातु में नै जोड़ा
जाता है – जैसे : खानै, पिनै, करनै।

4. अपूर्ण क्रिया द्योतक कृदन्त ः अपूर्ण क्रिया द्योतक कृदन्त की रचना करने के
लिए धातु में न जोड़ा जाता है – जैसे : हिट्न, कर्न, लेख्न आदि।

5. पूर्ण क्रिया द्योतक कृदन्त ः पूर्ण क्रिया द्योतक कृदन्त की रचना के लिए धातु
में या प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेः आया, गया, देख्या, बैठ्या आदि।

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Published by

Dr. Harishchandra Pathak

Retired Hindi Professor / Researcher / Author / Writer / Lyricist

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