भाषा : अन्य :
ग : नामिक धातु : क्रियेतर तथा क्रियाकर के योग से बनी धातु को नामिक धातु
कहते हैं। क्रियेतर उन नाम शब्दों को कहते हैं, जो क्रिया का कार्य नहीं करते। जैसेः
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि। क्रियाकर उन क्रियाओं को कहते हैं जो क्रियेतर के
सहयोग से क्रिया बनाती हैं। जैसेः पड़, कर, लि, दि आदि। नामिक धातुओं से नामिक
क्रियायें बनती हैं, जैसेः रीस कर्नो, ढिल पड़नो्, मोल लिनो्, गालि दिनो आदि।
घ : समस्त धातु : दो धातुओं के सामासिक योग से बनी धातु को समस्त धातु कहते
हैं, जैसेः पढ-़लिख, बोल-चाल, रो-धो, सो्चि-समझि आदि।
ड. : संयुक्त धातु : मुख्य धातु तथा रंजक धातु के योग से बनी धातु को संयुक्त धातु
कहते हैं। रंजक उन धातुओं को कहते हैं, जो मुख्य धातु का रंग निखारा करती हैं।
संयुक्त धातुओं से संयुक्त क्रियाएँ बनती हैं; जैसेः मार दिनो, मार खा्ना्े, बैठि रूनो्,
खै जानो् आदि।