लोकगीत : स्वागत :
चल तुमी रामीचंद्र
चल तुमी लछीमन
शाल दुशाला पैरी
धोती उपर्णा पैरी
पीत जनेऊ पैरी
पिंहली धोती पैरी
जर कैसी पाग पैरी
चंदन ललाट पैरी
हाथ जौं तील कुश
समझि धरा धरो
आंगन देवकी को पूत
ठाड़ो ऐसा रूप देखो
लोकगीत : स्वागत :
चल तुमी रामीचंद्र
चल तुमी लछीमन
शाल दुशाला पैरी
धोती उपर्णा पैरी
पीत जनेऊ पैरी
पिंहली धोती पैरी
जर कैसी पाग पैरी
चंदन ललाट पैरी
हाथ जौं तील कुश
समझि धरा धरो
आंगन देवकी को पूत
ठाड़ो ऐसा रूप देखो